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डामर फैक्ट्री से निकालने वाले जहरीले धुएं से परेशानी में चटुआ गाँव के ग्रामीणवासी

●कृष्ण कुमार सोंधिया●

एक तरफ प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बड़ी प्रयास कर रही है ,पर कुछ अधिकारी और रसूखदार लोगों के आगे सभी प्रयास बेकार साबित हो रही है,हम बात करेंगे अनूपपुर जिले के ग्राम चटुआ की जहा डामर फैक्ट्री लगी हुई है गाव गांव के नजदीक में ग्रामीण वासियों के घरों से महज कुछ ही दूरी पर डामर प्लांट है लगभग 50 मीटर की दूरी पर , ग्राम चटुआ एकांत में पड़ने के कारण कोई भी जिम्मेदार अधिकारी देखने तक नहीं जाते हैं कि , वहां पर निवास करने वाले लोगों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है,डामर फैक्ट्री से निकालने वाली धुएं जहरीले रुप में कहर बरसा रही है, ग्राम चटुआ वासियों का कहना है कि डामर फैक्ट्री से निकालने वाले धुएं से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, धुएं से अजीब सी गंध आती है, सांस लेने में दिक्कत होती है, धुएं के साथ साथ धूल उडकर हमारे घरों पर आ जाती है , घरो पर रखे पानी के उपर काली परत जम जाती है खाना बनाने में भी दिक्कत होती है खाना बनाते समय धूल और जहरीली धूएं हमारे खानो के ऊपर आ जाती है , हमारी रहना खाना सब हराम हो गया है ,न सरपंच सुनती है न सचिव और न कोई आधिकारी ,हम लोग करे तो क्या करें।।
एक तरफ प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार प्रदूषण नियंत्रित के लिए कई प्रयास कर रही दूसरी तरफ कुछ अधिकारी और पैसा वाले ठेकेदारो की मिली भगत से जिले में कई जगह फैक्ट्री,, प्लांट,, बने है जिससे वायु प्रदूषण हो रहा जिसके दायरे में आकर लोगो के शरीर में कई प्रकार की बीमारी जन्म ले रही लोग बीमारी से ग्रसित हो रहे है कुछ बड़े अधिकारी और पैसा वाले बड़े ठेकेदार लोगो की जिंदगी से खेल रहे है पर पैसा के आगे अच्छे अच्छे की बोलती बंद हो जाती है पैसा के आगे अपना काम बनता भाड़ में जाए मर जाय जानता किया फर्क पड़ता है शासन प्रशासन सब जानती है सब मालूम है फिर भी अनजान बनी है की हमको नही मालूम हम नही जानते जब कलम फस जाती तो देखेंगे समझेंगे
सोचने वाली बात है कि क्या पर्यावरण संरक्षण की योजना के लिए सरकार वाकई में चिंतित हैं या महज दिखावा
जब मामले को चटुआ गांव के सरपंच से पूछा गया तो सरपंच बोले गांव के अंदर डामर फैक्ट्री है हमे मालूम नही है कब बन गया पता नही हमने तो कोई जानकारी नहीं हमारी तरफ न पंचायत की तरफ से न कोई एन. ओ. सी. न कोई परमिशन नहीं दिया
अधिकारी बोलते है हमे नही मालूम गांव के अंदर आस पास कोई फैक्ट्री प्लांट के लिए परमिशन नही दिया जाना चाहिए
आखिर कौन है पीछे किसके परमिशन से डामर फैक्ट्री गांव के अंदर बनी है यदि कल गांव के लोग किसी बड़ी बीमारी का शिकार होते है तो कौन होगा जिम्मेदार ठेकेदार या जिले में बैठे अधिकारी या हमारी देश की सरकार
,जब इन्हीं सब विषयों को लेकर अनूपपुर एडीएम कार्यालय पहुंचे और अपर कलेक्टर सरोधन सिंह से बातचीत की गई तो कहते हैं कि शहर से बाहर है , और ग्रामीण वासियों के घर के नजदीक तो परमीशन नहीं दिया जाना चाहिए ,पर मैं इस विषय को ध्यान में रखते हुए अब फाइल देखकर ही बता पाऊंगा कि परमीशन किस आधार पर दिया गया है।
अब देखना यह होगा संवाद एक्सप्रेस न्यूज़ मे समाचार प्रकाशित होने से चाटुआ गांव के अंदर बनी डामर फैक्ट्री हटाया जाएगा या ताला बंद होता है अधिकारियों की किया कार्यवाही होती है
अब देखना होगा कि बात जिला प्रशासन के पास पहचने पर अधिकारी कोई उचित निर्णय लेंगे जिससे चटुआ वासियों को आराम मिलेगा या फिर रसूखदार लोगों के आगे जिला प्रशासन नसमसतक रहेगा

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