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एसडीओ संजय त्रिपाठी का भाजपा प्रेम भाजपा प्रवक्ता के आवेदन में त्वरित कार्यवाही, तो सत्ता पक्ष के आवेदनों में कार्यवाही क्यों नही..

●चीफ एडिटर●

गौरेला पेंड्रा मरवाही■ मामला मरवाही वनमण्डल के संजय त्रिपाठी एसडीओ पेंड्रा का है इनके द्वारा इनके भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लिपिक गुर्जर के खिलाफ षड्यंत्र करते हुए शिकायत रायपुर के नेता से करवाया गया था…पूरे मामले में लिपिक परमेश्वर गुर्जर द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता रायपुर से भाजपा प्रवक्ता थे क्योंकि गौरेला पेंड्रा मरवाही में शायद नेताओं की कमी हो गई थी वही गौरीसंकर श्रीवास जो की भाजपा प्रवक्ता है इनके द्वारा मुझे 10 माह पहले से फोन कर ब्लैकमेलिंग कर 20 लाख रुपए की मांग कर था, उस समय अपने पिता का हाट ऑपरेशन सनसाइन हॉस्पिटल बिलासपुर में करवा रहा था..उसी दौरान गौरीशंकर श्रीवास द्वारा मुझे मिलकर यह बोला गया कि आप परेशान हो..अभी 5लाख दे दो..!

मेरे मना करने पर की किस बात का पैसा आपको दू.. जिसके बाद श्रीवास ने कहा की मैं तेरे को देख लूंगा और संजय त्रिपाठी मेरा दोस्त है इसका परिणाम अच्छा नही होगा… ठीक उसके 15 दिन बाद मेरी शिकायत बिना तथ्य के संजय त्रिपाठी से मिल मेरी किया गया और बीच बीच मे संजय त्रिपाठी और गौरीशंकर की मरवाही फारेस्ट रेस्ट हाउस में जमकर मीटिंग चल रही थी..गुज्जर ने बताया की संजय त्रिपाठी समय के साथ गिरगिट की तरह रंग बदलते रहे भाजपा सरकार में भाजपा नेताओं के करीबी रहे तो, अब काग्रेस सरकार आई तो इसके नेताओ के करीबी माने जाते रहे है.. वही पार्टी के आम कार्यकर्ता जो खून पसीना कर सरकार बनाने में मेहनत किये उनके लिए अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं से नही मिल पाते है , वही दूसरी और संजय त्रिपाठी संजय त्रिपाठी किसी से भी किसी भी वक्त मिलने में सफल हो जाते है ज्ञात हो की त्रिपाठी द्वारा कराए गए अधिकतर कार्य नियम विरुध्द माने जाते है !

संजय त्रिपाठी ने अनेक योजना में जमकर घोटाला किया जैसे लेंटाना घोटाला, पार्कुलेशन टैंक घोटाला, डिपो परिसर में जिम का निर्माण , बास्केट बॉल ग्राउंड , सी.सी घोटाला , सीसी रोड के ऊपर डामरीकरण, बिना स्वीकृति आलीशान बंगला, ग्रीन मिशन घोटाला, गोबर खरीदी घोटाला , समिति से राशि आहरण घोटाला, एक रेंज ऑफिसर का खाता 2 बैंको में खाता घोटाला, पूर्व के डीएफओ के कार्यकाल में 3 वर्ष की राशि को एक ही वर्ष में चेक घोटाला, नरवा विकाश घोटाला, त्रिपाठी घोटाले की अपनी अलग गाथा लिख चुके है आमजन के साथ साथ, पार्टी के कार्यकर्ताओ की शिकायत की लंबी लाइन है बता दे की आज तक इनके खिलाफ एक भी आवेदन का निराकरण नही हुआ …लघुवनोपज मरवाही वनमंडल के कुछ उच्च पद पर आसीन व्यक्तियों को उस पद पर आसीन करने में त्रिपाठी का बड़ा हाथ है !

मामले में कांग्रेस नेता भुनेश्ववर गुर्जर ने कहा की कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव पारस नाथ राजवाड़े अन्य नेताओं व पार्टी के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य किया मैने पार्टी के लिए क्या नही किया…परंतु आज सत्ता में होते हुए भी एक भाजपा प्रवक्ता के एक शिकायत पर मेरे छोटे भाई परमेश्वर गुर्जर के पक्ष को जाने बिना ही कूट रचना कर बर्खास्तगी का तोहफा प्रदान किया गया..! जबकि परमेश्वर द्वारा किए गए किसी भी आवेदन पर मुख्य वन संरक्षक द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई , उल्टा संजय त्रिपाठी को संरक्षण प्रदान करते हुए बर्खास्त किया गया..भुनेश्वर गुज्जर ने राज्य सरकार से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है..!

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