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बेतहाशा अतिक्रमण के आगे प्रशासनिक अधिकारी भी नतमस्तक…!

●संवाददाता – युगल किशोर साहू●

धमतरी■  ग्राम पंचायत प्रशासनिक इकाई की महत्वपूर्ण कड़ी है और इनके ऊपर जल,जंगल,और जमीन को आने वाले पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। पंचायती राज व्यवस्था में सरपंच और पंचों का प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने में अहम रोल होता है।पंच और सरपंच इन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक के रूप में कार्य करते है।ताकि आने वाले पीढ़ियों के लिए जल,जंगल और जमीन को सुरक्षित रखा जा सके और यह उनका नैतिक कर्त्तव्य भी है।
परंतु भखारा तहसील के बोरझरा ग्राम में इसके विपरित सरपंच और पंचायत प्रतिनिधि अतिक्रमण होता देख अपनी आंखे मूंद लेते है।शायद यही कारण है की अभी तक अतिक्रमण कर्ताओं पर कार्यवाही शुन्य है।
जिसके कारण शासकीय भूमि पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है। अतिक्रमणकारीयों ने पिछले आठ वर्षो से सरपंच की निष्क्रियता और पंचायत प्रमुखों का शह पाकर लगातार बेतहासा अतिक्रमण को अंजाम दिया है।
वर्तमान में भी गौठान के पास सार्वजनिक उपयोग के जगह पर दूज राम साहू के द्वारा व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है।अतिक्रमण की हवस इतना है कि कॉम्प्लेक्स की बीचों-बीच विद्युत पोल को भी घेर लिया है।
उक्त जगह पर अंधा मोड़ होने और विद्युत पोल होने के कारण गंभीर दुर्घटना होने की संभावना भी अधिक है जिसके कारण ग्रामीण उस निर्माणधीन कॉम्प्लेक्स को हटाने की मांग कर रहे है।
सरपंच के मुताबिक कलम गड्ढा खोदने के तुरंत बाद ही दुजराम साहू को नोटिस जारी किया गया था।उसके बाद भी अतिक्रमणकर्ता ने काम जारी रखा जिसे पुनः नोटिस जारी किया गया परन्तु अभी भी उन्होंने काम बंद नही किया।इस प्रकार तीन बार कार्य रोकने नोटिस जारी करने की बात सरपंच ने कहा है।
परन्तु अतिक्रमणकर्ता ने सरपंच के द्वारा जारी नोटिस की खिल्ली उड़ाते हुए कार्य निरंतर जारी रखा है और वर्तमान में निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स टॉप लेबल तक पहुंच गया है।

राजस्व विभाग को अतिक्रमण का अभी भनक भी नही

आश्चर्य की बात है,कि इस बालात अतिक्रमण की सूचना अभी तक राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी को नही दिया गया है।जबकि पंचायत के द्वारा प्रथम नोटिस जारी होने के उपरांत ही राजस्व विभाग को कार्यवाही के लिए सूचित किया जाना था।इस प्रकरण में सरपंच की उदासीनता के कारण ग्रामीणों के द्वारा अतिक्रमण को शह देने का आरोप सरपंच पर लगाया जा रहा है।

पूर्व में अतिक्रमण हटवाने का प्रयास अधूरा

पूर्व में भी पंचायत के द्वारा अस्थाई अतिक्रमण फेंसिंग तार और बाड़ी घेरा को हटवाने के लिए तहसीलदार के समक्ष पचास अतिक्रमण कर्ताओं की सूची भेजा गया था।
लेकिन विभिन्न कारणों के चलते विभागीय सहयोग पंचायत को नही मिल पाया है।जिसके कारण अभी तक अतिक्रमण पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है।

इस पूरे मामले में सरपंच महेंद्र कुमार साहू का कहना है की
मैं अतिक्रमण हटाने प्रयास कर रहा हूं।लेकिन मुझे पंचों का सहयोग नही मिल रहा है।जिसके कारण मैं कोई ठोस निर्णय पर नही पहुंच पा रहा हूं।

पंचों ने सरपंच के मत्थे मढ़ा आरोप

जबकि पंचों का कहना है की पंचायत मीटिंग में राशि आहरण के संबंध में ही ज्यादातर चर्चा किया जाता है।पिछला मीटिंग में भी लंबी चौड़ी खर्च के लिए आहरण करने में जोर दिया गया।अतिक्रमण हटवाने और अतिक्रमण में लगाम लगाने के लिए कोई चर्चा नहीं किया गया है।
पहले भी अतिक्रमण पर कार्यवाही करने के लिए तहसीदार के समक्ष सभी पंच उपस्थित हुए थे।ऐसे में पंचों का सहयोग नही मिलने की बात गलत है।

बहरहाल इस आरोप-प्रत्यारोप का फायदा अतिक्रमणकारी बखूबी उठा रहे है।पंचायत प्रमुख ही अतिक्रमण पर कार्यवाही के लिए आगे ना आए तो प्रशासन भी हमारा क्या कर सकता है यह सोचकर अतिक्रमणकारी भी निश्चिंत है।

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