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पांच वर्षो से शिक्षक की कमी,वैकल्पिक व्यवस्था के भरोसे चल रहा स्कूल,पालकों में नाराजगी

●युगल किशोर साहू●

धमतरी■   राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लाख दावे कर रहा हो लेकिन धरातल में शिक्षा का स्तर और स्कूलों में शिक्षकों की कमी बताता है कि व्यवस्था कैसा है।
कुरूद विकासखंड के बोरझरा में शासकीय प्राथमिक एवम माध्यमिक शाला संचालित है जहां लगातार पांच वर्षो से शिक्षकों की कमी बना हुआ।
शाला विकास समिति के अध्यक्ष और सरपंच के द्वारा लगातार शिक्षक की व्यवस्था करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया गया है परंतु पांच सालों में अभी तक शिक्षक की व्यवस्था नही हो पाया है।

उल्लेखनीय है कि इस स्कूल में प्राथमिक विभाग में वर्तमान दर्ज संख्या 107 है एवम माध्यमिक विद्यालय में 73 बच्चे पढ़ रहे है। शिक्षा विभाग के द्वारा जारी सेटअप अनुसार 30 बच्चों में एक शिक्षक की नियुक्ति होना है इस हिसाब से प्राथमिक शाला में चार शिक्षकों की पदस्थापना होना चाहिए।
लेकिन पिछले पांच वर्षों से सिर्फ तीन शिक्षक ही स्कूल सम्हाले हुए है जिसके कारण शिक्षकों को शाला संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

शिक्षकों की कमी को देखते हुए शाला विकास समिति के द्वारा प्राथमिक एवम माध्यमिक में संयुक्त रूप से व्यवस्था सम्हालने के लिए चार युवतियों को अल्प मानदेय में नियुक्त किया गया है।लेकिन बड़ा सवाल ये है की इन अप्रशिक्षित युवतियों के भरोसे कब तक पढ़ाई होता रहेगा। इसका जवाब शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी के पास नही है।
शाला विकास समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार साहू एवम सरपंच महेंद्र साहू ने बताया की शिक्षक के संबंध में कई बार बीईओ एवम् डीईओ को प्रस्ताव भेजा जा चुका है परंतु अभी तक शिक्षक का व्यवस्था नही हुआ है।

वही इस संबंध में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कोया से बात करने पर उन्होंने बताया की ऑफिस में प्राथमिक शाला बोरझरा का दर्ज संख्या 83 दिखा रहा है।इस हिसाब से वहां शिक्षकों की संख्या विभागीय सेटअप के अनुसार सही है।

जबकि स्कूल के शिक्षकों का कहना है की प्रतिमाह दर्ज संख्या भेजा जा रहा है फिर भी बीईओ कार्यलय में पुराना दर्ज संख्या एंट्री है जो बहुत वर्ष पहले का है।

अब इसमें लापरवाही जिसकी भी हो परन्तु नुकसान सिर्फ विद्यार्थियों का है अब ऐसे में पालकों का कहना है की जल्द ही शिक्षक का व्यवस्था नही होने पर स्कूल में ताला जड़ कर बच्चे सड़क में उतर कर प्रदर्शन करने मजबूर होंगे।

संकुल के अतिशेष शिक्षकों को अन्य संकुल में भेजने से पालकों में रोष

बोरझरा स्कूल कोर्रा संकुल अंतर्गत आता है जबकि कोर्रा में पदस्थ दो अतिशेष शिक्षकों को अन्य संकुल में भेजा गया है।जिसके कारण पालक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से रुष्ठ है पालकों का कहना है की यदि कोर्रा स्कूल में शिक्षक अतिशेष है तो उसे संकुल के अंतर्गत शालाओं में जहां शिक्षक की कमी है वहां व्यवस्थित करना चाहिए ना की अन्यत्र संकुल में।

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