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विश्व हिंदी सचिवालय की अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में डा. कमलेश गोगिया का शोध

●स्वप्निल तिवारी●

महासमुंद■ पूरे विश्व में हिन्दी भाषा और साहित्य को समृद्ध करने में अग्रणी भारत और मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस ने मैट्स यूनिवर्सिटी के कला एवं मानविकी अध्ययनशाला,हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ. कमलेश गोगिया के शोध आलेख को विश्व हिन्दी पत्रिका-2022 में प्रकाशित किया है। इस पत्रिका में पूरे विश्व के 34 विद्वानों के शोध आलेख शामिल किए गए हैं। विश्व हिन्दी पत्रिका विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस सरकार द्वारा प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय वार्षिक शोध पत्रिका है जिसमें पूरे विश्व के हिन्दी विद्वानों, शोधार्थियों, चिंतकों के मौलिक, सूचनापरक व चयनित शोध आलेख प्रकाशित किये जाते हैं। विश्व हिन्दी पत्रिका-2022 का अंक हाल ही में जारी किया गया जिसमें पूरे विश्व के 34 विद्वानों के शोध आलेख को स्थान दिया गया है। इनमें डॉ. कमलेश गोगिया के शोध आलेख नए संचार माध्यम और हिन्दी के बढ़ते कदम को शामिल किया गया है। इसके पूर्व भी डॉ. कमलेश गोगिया के शोध आलेख को विश्व हिन्दी सचिवालय ने विश्व हिन्दी पत्रिका-2021 में प्रकाशित किया था। इनमें 37 विद्वानों के शोध पत्र शामिल थे और छत्तीसगढ़ से एकमात्र डॉ. कमलेश गोगिया के शोध आलेख को प्रकाशित किया गया था। डॉ. कमलेश गोगिया विभिन्न समसामयिक विषयों पर अनुसंधानरत हैं।

उल्लेखनीय है कि डॉ. कमलेश गोगिया हरिभूमि रायपुर के पूर्व पत्रकार रहे हैं और हरिभूमि में कार्यरत रहते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए चंदूलाल चन्द्राकर फेलोशिप से सम्मानित किया था। मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि सन 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान एक विश्व हिंदी केंद्र की स्थापना का विचार मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री व प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष सर शिवसागर रामगुलाम द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस विचार ने दृढ़ संकल्प का रूप धारण किया मॉरीशस में आयोजित द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन में और लगातार कई विश्व हिंदी सम्मेलनों में मंथन के बाद मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना का विचार साकार हुआ। भारत सरकार व मॉरीशस सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए तथा मॉरीशस की विधानसभा में अधिनियम पारित किया गया था। पूरे विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। मैट्स विश्वविद्यालय परिवार ने डॉ. कमलेश गोगिया की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है।

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