खास खबरछत्तीसगढ़ की खबरे

रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ हुआ समापन

●ब्यूरो रिपोर्ट●

वेदांत आश्रम गंजबासौदा में चलने वाले रुद्र महायज्ञ व सरस संगीतमय शिव महापुराण कथा के सप्त दिवसीय आयोजन के सप्तम व समापन दिवस में सर्वप्रथम ग्यारह बजे समस्त यजमान, आचार्य व भक्त गणों के बीच 7 दिन से चल रहे रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई। इस अवसर पर जगतगुरु अनंतानंद द्वाराचार्य डॉ स्वामी राम कमल दास वेदांती जी महाराज सभी पत्रकारों का सम्मान किया गया और कहा कि यज्ञ हमारी सनातन संस्कृति का मूल आधार है । यज्ञ में उच्चारित की जाने वाले वेद मंत्र, देवताओं का पूजन व वेदियों का वैदिक विधि से होने वाले पूजन के साथ होने वाले हवन से संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना की जाती है। यज्ञ उपरांत वेदांत आश्रम के परिसर में स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंगों का रूद्रअभिषेक किया गया। उनका विधिवत पूजन कर आरती की गई । मध्यान्होत्तर एक बजे से शुभारंभ हुए शिव महापुराण के प्रवचन में स्वयं श्री वेदांती जी महाराज ने बताया कि शिव महापुराण में वर्णित सभी प्रसंग हमें सत्य पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं । भगवान शिव के प्रथम पुत्र कार्तिकेय की उत्पत्ति को अत्यंत वैज्ञानिक विधि के साथ बताया। श्री कार्तिकेय ने अपने पुरुषार्थ के बल पर देव सेनापति का पद ग्रहण किया। मनुष्य पुरुषार्थ द्वारा कुछ भी हासिल कर सकता है। भगवान शिव व पार्वती की दूसरे पुत्र श्री गणेश जी का वर्णन करते हुए स्वामी श्री वेदांती जी ने बताया कि जहां एक ओर सारे देवता अपने वाहन पर आरुण होकर संपूर्ण ब्रह्मांड की परिक्रमा कर प्रथम पूज्य होने की होड़ में लगे थे वही दूसरी ओर श्री गणेश जी ने अपने माता पिता को ही संपूर्ण ब्रह्मांड का स्वरूप मानकर परिक्रमा की और प्रथम पूज्य बन गए। प्रतिष्ठित पदों पर बैठने वाले लोगों को अभिमान का परित्याग कर सभी में ईश्वर की दृष्टि रखना चाहिए और मन स्थिति से सभी के लिए कल्याण की कामना करनी चाहिए।
कथा विराम के बाद हजारों श्रद्धालुओं के बीच रूद्राक्ष वितरण किया गया तदुपरांत अयोध्या वृंदावन वाराणसी आदि जगहों से आए सन्त जनों व श्रद्धालुओं का वैष्णव भंडारा और विदाई आदि संम्पन्न हुई। वेदांत आश्रम के पूज्य महंत श्री हरिहर दास जी महाराज जी ने सभी के जीवन में मंगलमय होने की कामना करते हुए सभी कार्यकर्ताओं, सहयोगियों को धन्यवाद अर्पित किया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button