प्रधान आरक्षक के भरोसे एक माह से सीमावर्ती पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर
हरेक प्रवृत्ति के होते अपराध कैसे लगेगा विराम प्रभारी के पदस्थापना की उठी मांग

●कृष्ण कुमार सोंधिया●
छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे जिले के पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर के तत्कालीन प्रभारी रवेन्द्र शुक्ला 29 नवंबर को लाइन अटैच कर दिये गये थे, जिसके बाद से पूरे समय प्रधान आरक्षक क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाले हुये है। यह अलग बात है कि कभी-कभार निरीक्षण के लिये जैतहरी नगर निरीक्षक व उप निरीक्षक पहुंच जाते हैं, लेकिन पूरे समय सहायता केन्द्र अंतर्गत आने वाले गांवो से शिकायतों को लेकर पहुंचने वाले लोगो के बीच प्रधान आरक्षक को रहना पड़ता है और उनकी सुनना पड़ता है। जबकि उस अकेले प्रधान आरक्षक के बस की बात नहीं। स्थानीयजनों ने पुलिस अधीक्षक से सहायता केन्द्र में प्रभारी के पदस्थापना की मांग की है।
(वेंकटनगर) अंतिम छोर में निवासरत व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है, लेकिन जब पुलिस बल पूर्ण न हो तो व्यक्ति अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगता है। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों जिले के पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर का है जहाँ कि 29 नवंबर के बाद से किसी प्रभारी को कमान नहीं दी गयी। वहां पदस्थ रहे तत्कालीन उप निरीक्षक रविन्द्र शुक्ला को एक आडियो वायरल होने के बाद पुलिस कसान के द्वारा लाइन अटैच कर दिया गया था उसके बाद से पूरे समय पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर अंतर्गत आने वाले 16 गांव की जिम्मेदारी पदस्थ प्रधान आरक्षक सुखदेव राम भगत के द्वारा संभाली जा रही है। प्रभारी के पदस्थ न होने से यहां विभिन्न प्रकार के अवैध कारोवार के साथ ही खनिज रेत का अवैध उत्खनन माफियाओं द्वारा लगातार करते हुये शासन के राजस्व को खुली क्षति पहुंचायी जा रही है।
अपराधो की लंबी फेहरिस्त :-
पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर के रोजनामचे में दर्ज विभिन्न प्रवृत्ति के अपराध बताते है कि यहां औसतन हर दिन किसी न किसी तरह का मामला सामने आता है। यहां पर खनिज का व्यापक पैमाने पर अवैध कारोवार होता है इसके अलावा शराब, सट्टा, जुआ एवं आर्म्स एक्ट जैसे मामले भी सामने आते हैं। मारपीट व अन्य है अपराध भी होते है ऐसे में यहां पर प्रभारी पुलिस अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है और वर्तमान में सहायता केन्द्र में कोई प्रभारी पदस्थ नही है।
अवैध मादक पदार्थ की तस्करी :-
छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे होने के कारण पुलिस सहायता केन्द्र वेंकटनगर के ग्राम भेलमा, लहसुना और खुद वेंकटनगर से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के रास्ते खुले है। यहां से प्रायः जिले की शराब को छत्तीसगढ़ आसानी से पहुंचाया जाता है वहीं छत्तीसगढ से होकर इन्हीं रास्तो से अवैध मादक पदार्थ गाजा के तस्कर जिले में प्रवेश करने के बाद आगे बढ़ते है, लेकिन प्रभारी के अलावा पुलिस बल की कमी होने के कारण तस्करो के गिरेबां तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाते।
यह ग्राम आते सहायता केन्द्र अंतर्गत :-
वेंकटनगर पुलिस सहायता केन्द्र अंतर्गत लगभग 16 ग्राम आते है, जिसमें वेंकटनगर, आमाडांड, कदमसरा, मुंडा, भेलमा, खालबहरा, डोगरीकाछार, खैरीटोला, सिंहपुर, खोडरी, भैनाडोंगरी, सुलखारी, सिधैरा, पोंडी, पंडरीपानी, लहसुना, कपरिया, केरहा ग्राम आते है और यहां पर एक प्रधान तीन आरक्षक मात्र है जो क्षेत्र के सुरक्षा की कमान संभाले हुये है। पुलिस कप्तान से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने पुलिसिंग व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिये जिम्मेदार प्रभारी की पदस्थापना किये जाने की मांग की है।